Tuesday 13 February 2018

मंदिर या मस्जिद .....

जी हाँ आज कल कोई न्यूज़ चैनल पलट लो वही भाजपा के 2-4 प्रवक्ता और अलग अलग गुथ के मौलवी बहस करते नज़र जाएँगे।

अजीब सी बात है एक तरफ़ भारत को सूपर पावर बनाने की बात होती है, वहीं दूसरी और मंदिर बनेगा या मस्जिद इस पर चिल्ला चिल्ला के बहस कर रहे हैं

एक साल बचा है चुनाव में उसने कोई शक ही नहीं की भाजपा अब ये पूरा साल अपने न्यूज़ चैनलस पे सिर्फ़ यही बहस करवाएगी ताकि 
( विकास, महँगाई, बेरोज़गारी, नोट बंदी ) जैसे मुद्दों को छोड़ पूरा देश हिंदू मुस्लिम और मंदिर मस्जिद में ही रह जाए और अंत हो दंगों से, जिसके बाद वोट का बहुत आराम से बँटवारा कर पूरा चुनाव सिर्फ़ हिंदू मुस्लिम के मुद्दे पे हो जाए


एक सवाल हो सकता है काफ़ी लोग मेरे इस सवाल से इत्तफ़ाक़ ना रखते हों, पर क्या मंदिर और मस्जिद क्या इतना महत्वपूर्ण मुद्दा होना चाहिए इस देश में

Tuesday 8 September 2015

" Indrani " another Name with the Fame by all grace our Super Media ....
This is the second Arushi case going to be happen, I can't understand why they don't call Daya (from C.I.D) his 1 slap would be enough to vomit the truth ( joke )
This case shows at what level any Ambitious person can go just to gain the heights .
Media has got plane to trp any time bloody Indrani Indrani what she ate what she wore what she thinking, she is a bloody criminal why such importance to her case let law take the decision then Media (4th Pillar) can sung the song  ohh I forgot we to had Kasab before with all facilities ( BC ).
Stop talking about this bitch she set an example not always men are bastartds some time women are something above that .

Thursday 22 January 2015

एक बार फिर से दिल्ली में चुनाव ने दस्तक दे दी है।
पिछले चुनाव से इस चुनाव में काफी अंतर देखा जा सकता है, पिछले चुनावों में दिल्ली का विधानसभा चुनाव त्रिकोणीय था लड़ाई भाजपा कांग्रेस और आप में था। पिछले चुनाव में जहाँ कांग्रेस की नाव  डूब रही थी इस चुनाव वह नाव पूरी तरह से डूब चुकी है।
लड़ाई सीधे तोर पे भाजपा और आप में है और इसमें कोई दोराय नहीं की भाजपा मोदी फैक्टर और किरण बेदी  के कारण ज़्यादा मजबूत इस्तिथि में है।
अब मजेदार होगा केजरीवाल और उनकी पार्टी के चुनाव नतीजों का क्या इस बार फिर दिल्ली उनपे भरोसा दिखा पायेगी या एक सबक काफी था समझने के लिए ।

Tuesday 16 December 2014

"आतंकवादियों ने बच्चों को लाइन लगाने को कहा ताकि गोली मार सकें। बच्चों ने समझा कि अंकल कोई गेम खेलने वाले हैं।"

जो देश आतंक का अड्डा बना हुआ है आज उसी के देश में ऐसे दुखद घटना घटि जिसने इंसानियत को हिला दिया। ऐसा इससे पहले दुनिया के किसी कोने में शायद नहीं हुआ होगा।

ऐसा भी कोन सा जिहाद है। ऐसा भी कोन सा मकसद है, जिसके लिए छोटे मासूम बच्चे जिनके हाथों में बन्दूक नहीं बल्कि पेंसिल थी। उन्हें भी इन दरिंदो ने गोली मार दी, अरे कोई समझाओ ऐसा क्या सिखाया गया था उन दरिंदो को कि उनके हाथ भी नहीं कापे उन छोटे बच्चों के सिर में गोली मारने से पहले।
आज पहली बार पाकिस्तान के लिए उन माँ बाप के लिए मेरी आँखों में आसु है, जिन्होंने पेशावर हमले में अपना भविष्य खो दिया।
अरे अब तो समझ जा ये ना समझ पाकिस्तान की जिनके खुद के घरों में आतंक का साया लहराता हो उन्हें दूसरे देश में आतंक नहीं फैलाना चाहिए, ज़रूरत है पाकिस्तान को वह भारत के मद्दद से निस्तानाबूद करदे इस आतंकवाद को अपने देश से वहाँ भी इंसान बस्ते हैं, उन्हें भी हक़ है का सपने देखने का अपना नाम करने का अगर इसी तरह रहा तो पाकिस्तान का वजूद ही नहीं रहेगा क्योंकि अगर बच्चे नहीं होंगे तो वजूद कैसे बनेगा।

Sunday 19 October 2014

मुझे हिंदी भाषी लोग बिलकुल पसंद नहीं है -
(एम्.एन.एस) प्रमुख राज ठाकरे का बयान चुनाव से पहले।

चुनाव नतीजे -  एम्.एन.एस केवल एक सीट जीत पाई।
इस मुर्ख को शायद अब समझ आ गया होगा की हिंदी भाषियों से टकराने का अंजाम क्या होता उसके खुद के मराठी भाइयों ने राज ठाकरे को बड़ा ठेंगा दिखा दिया और समझा दिया की मुर्ख प्राणी हम लोग मराठी बाद में और हिंदुस्तानी पहले हैं।

Thursday 9 October 2014

पाकिस्तान को बॉर्डर पर करार जवाब देते हुए बी.एस.एफ और सेना के जवानों ने पाकिस्तान को उसकी औकात का एह्साह दिला दिया है। पाकिस्तान को अब एह्साह हो गया होगा की भारत के हालात अब बदल चुकें हैं। भारत के जवान पूरी मुस्तैदी और बहादुरी से पाकिस्तान को सबक सिखा रहें हैं। पर देश को कुछ वाहियात नेता ऐसे भी हैं, जिन्हें नेशनल टेलीविज़न पर ये कहते हुए जरा सा भी संकोच नहीं हुआ की उन्हें हिंदी और हिंदी बोलने वाले लोग नापसंद हैं। आप सही सोच रहें हैं में बात कर रहा हूँ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे की जिन्होंने इंडिया टीवी से हुए अपने इंटरव्यू में ये बात कही, उस वक्त लगा की जहाँ देश में युद्ध के हालात हैं वहां इस मुर्ख को महाराष्ट्र की राजनीती की पड़ी है।और हिंदुस्तान में रह कर इसकी हिम्मत कैसे हुई इस तरह की बात बोलने देने की।
ये मेरे अपने विचार हैं ।

Saturday 23 August 2014

देश में आई.एन.एस जैसे कई लड़ाकू जहाज और वायु विमान के सेना में शामिल होने और मोदी जी के उद्घाटन करने की लगभग हर हफ्ते ही खबर आ रही है । साथ ही खबर मिलती है पाकिस्तान द्वारा हर हफ्ते हो रहे सीजफायर औत उससे मरते हमारे सैनिक और देशवासियों की तो क्या फायेदा इतने लड़ाकू जहाज और विमान खरीदने की क्या इन्हें सिर्फ 15 अगस्त को दिखाने के लिए फ़ौज में शामिल किया गया है। मैं युद्ध के पछ में नहीं हूँ पर ये भी बरदाश नहीं की पड़ोसी देश जिसकी खुद की कोई औकात नहीं वो हमें हर वक्त खोदता रहे उकसाता रहे और हम चुप चाप लाशे उठाते रहें ।